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ये रहा है न जाने कब क्या हो जाए तुम कहाँ हो ज़िन्दगी क्या था क्या बन गया ज़िंदगी तुम चिराग हिन्दीकविता ना हो उदास इंसानियत क्या खोया क्या पाया क्या hindikavita जिंदगी लम्हे जिंदगी के हो चाहते शिकवा

Hindi क्या हो Poems